त्रिवेणी संगम:
यह प्रयागराज का सबसे पवित्र स्थान
है। यहां तीन नदियों का संगम होता है। हिंदू धर्म में इस स्थान का बहुत महत्व है।
इलाहाबाद (अब
प्रयागराज),
भारत का
एक पवित्र शहर है,
जो गंगा, यमुना और
सरस्वती नदियों के संगम के लिए प्रसिद्ध है। इस संगम को त्रिवेणी
संगम
कहा जाता
है। हिंदू धर्म में इस स्थान का बहुत महत्व है और यह दुनिया के सबसे पवित्र
तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है।
हिंदू
धर्म में माना जाता है कि त्रिवेणी संगम में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं
और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हर बारह
साल में यहां कुंभ मेला लगता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है।
लाखों लोग इस मेले में भाग लेने के लिए आते हैं।
इलाहाबाद किला:
यह किला
मुगल काल में बनाया गया था। यह गंगा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित है। किले के
अंदर कई मस्जिदें और महल हैं।
इलाहाबाद
किला,
जो अब
प्रयागराज के नाम से जाना जाता है, गंगा और यमुना नदियों
के संगम पर स्थित एक ऐतिहासिक किला है। मुगल सम्राट अकबर ने 1583 में इस
किले का निर्माण करवाया था। यह किला हिंदू और मुस्लिम वास्तुकला का एक अद्भुत
मिश्रण है और भारत के सबसे महत्वपूर्ण किलों में से एक है।
इलाहाबाद
किले का निर्माण मुगल सम्राट अकबर ने 1583 में करवाया था। इस
किले का निर्माण संगम के रणनीतिक महत्व को देखते हुए किया गया था। यह किला कई
शासकों के हाथों से गुजरा और समय के साथ इसमें कई बदलाव हुए।
इलाहाबाद
किले की वास्तुकला हिंदू और मुस्लिम वास्तुकला का एक अद्भुत मिश्रण है। इस किले
में लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर का उपयोग किया गया है। किले के अंदर कई महल, मस्जिदें
और बगीचे हैं।
किले के अंदर
अशोक स्तंभ भी स्थित है, जो भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण स्मारक
है।
मोती मस्जिद: यह मस्जिद
किले के अंदर स्थित है और इसकी नक्काशी बेहद खूबसूरत है।
जोधबाबाई
का महल:
यह महल
जोधाबाई के नाम पर है और यह किले का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
खुसरो बाग:
यह बाग मुगल शहजादा
खुसरो का मकबरा है। यह बाग अपनी शांति और सुंदरता के लिए जाना जाता है।
खुसरो बाग, प्रयागराज
(पूर्व में इलाहाबाद) में स्थित एक विशाल और ऐतिहासिक बाग है। यह मुगल
सम्राट जहांगीर के बेटे खुसरो के नाम पर बनाया गया था। यह बाग मुगलकालीन वास्तुकला
का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और भारत के स्वतंत्रता संग्राम से भी जुड़ा हुआ है।
खुसरो बाग
का निर्माण 1607
में किया
गया था। यह लगभग 40
एकड़ में
फैला हुआ है और चारों ओर ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है। जहांगीर ने अपने बेटे खुसरो
के लिए यह बाग बनवाया था,
लेकिन बाद
में खुसरो को यहां कैद कर दिया गया था।
खुसरो का
मकबरा:
यह मकबरा
जहांगीर के बेटे खुसरो का है। निसार बेगम का मकबरा: यह मकबरा
खुसरो की बहन का है। शाह बेगम का मकबरा: यह मकबरा
खुसरो की मां का है।
आनंद भवन:
यह नेहरू
परिवार का पुराना घर है। आजकल यह एक संग्रहालय के रूप में इस्तेमाल होता है। यहां
आप नेहरू परिवार से जुड़ी कई चीजें देख सकते हैं।
आनंद भवन, प्रयागराज (इलाहाबाद)
में स्थित एक ऐतिहासिक भवन है, जो नेहरू-गांधी परिवार का पूर्व आवास था। आज
यह एक संग्रहालय के रूप में है, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम और नेहरू
परिवार के जीवन से जुड़ी यादों को संजोए हुए है।
मोतीलाल
नेहरू ने 1930
में इस
भवन का निर्माण करवाया था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, इस भवन को
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्थानीय मुख्यालय के रूप में इस्तेमाल किया गया था। 1970 में
इंदिरा गांधी ने इसे भारत सरकार को दान कर दिया और इसे संग्रहालय में बदल दिया
गया।
इलाहाबाद संग्रहालय:
इस
संग्रहालय में इलाहाबाद के इतिहास से जुड़ी कई चीजें हैं। यहां आप प्राचीन
मूर्तियां,
सिक्के और
हथियार देख सकते हैं।
इलाहाबाद संग्रहालय (प्रयागराज), उत्तर प्रदेश में
स्थित एक प्रमुख संग्रहालय है। यह भारत के इतिहास और संस्कृति से जुड़े विभिन्न
कलाकृतियों और वस्तुओं का एक विशाल संग्रह रखता है।
इलाहाबाद
संग्रहालय की स्थापना 1931
में हुई
थी। यह
संग्रहालय न केवल अपने समृद्ध और विविध कलाकृतियों के
संग्रह के लिए जाना जाता है बल्कि इसे एक ऐसे संस्थान के रूप में स्वीकार किया
जाता है जो आपको अपने दोस्तों, पड़ोसियों
से मिलने, विचारों
और विचारों पर चर्चा करने और समुदाय का सक्रिय हिस्सा बनने की अनुमति देता है।
ऑल सेंट्स कैथेड्रल:
यह प्रयागराज का सबसे पुराना चर्च है। यह अपनी गोथिक वास्तुकला के लिए
जाना जाता है।
ऑल सेंट्स कैथेड्रल इलाहाबाद
(अब प्रयागराज) में स्थित एक खूबसूरत कैथेड्रल है। इसे स्थानीय लोग 'पत्थर
गिरजा'
के नाम से
भी जानते हैं। यह चर्च अपनी गोथिक वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है और भारत में
अंग्रेजी शासनकाल के दौरान निर्मित गोथिक पुनरुद्धार इमारतों में से एक है।
ऑल सेंट्स
कैथेड्रल की नींव 1871
में रखी
गई थी और इसका निर्माण 1887
में पूरा
हुआ था। इस चर्च का निर्माण लेडी मुइर एलिजाबेथ हंटली वेमीस ने करवाया था। ऑल
सेंट्स कैथेड्रल 13वीं
शताब्दी के गोथिक शैली के चर्चों से प्रेरित है। इसकी डिजाइन और सुंदरता अद्वितीय
है। इस चर्च में रंगीन शीशे की खिड़कियां, नक्काशीदार दरवाजे और
ऊंची छतें हैं।
जवाहर तारामंडल:
यह एक तारामंडल है जहां आप ब्रह्मांड के बारे
में जान सकते हैं। यहां विभिन्न प्रकार के शो आयोजित किए जाते हैं।
जवाहर तारामंडल प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) में स्थित एक लोकप्रिय विज्ञान
केंद्र है। यह आनंद भवन के बगल में स्थित है,
जो नेहरू-गांधी परिवार
का पूर्व निवास था। यह तारामंडल खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में
लोगों को शिक्षित करने के लिए समर्पित है।
जवाहर तारामंडल में आप आकाशगंगाओं, तारों,
ग्रहों और अन्य खगोलीय
पिंडों के बारे में जान सकते हैं। यहां विभिन्न प्रकार के शो आयोजित किए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
तारामंडल शो: इन शो में आपको एक गुंबद के अंदर ले जाया जाता है, जहां आप आकाश को देख सकते हैं जैसे कि आप अंतरिक्ष में हैं।
वैज्ञानिक फिल्म: यहां वैज्ञानिक फिल्म दिखाई जाती हैं, जो खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित होती हैं।
व्याख्यान: समय-समय पर यहां खगोल विज्ञानियों द्वारा व्याख्यान आयोजित
किए जाते हैं।
चंद्रशेखर आजाद पार्क:
यह पार्क स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद
को समर्पित है। यहां एक संग्रहालय भी है जहां आप चंद्रशेखर आजाद के जीवन के बारे
में जान सकते हैं।
चंद्रशेखर आजाद पार्क प्रयागराज (इलाहाबाद) में स्थित एक ऐतिहासिक पार्क
है। इस पार्क का नाम भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर
आजाद के नाम पर रखा गया है। यह पार्क न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए बल्कि
अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए भी जाना जाता है।
इस पार्क का निर्माण 19वीं सदी में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान किया गया था। उस समय
इसे अल्फ्रेड पार्क के नाम से जाना जाता था। 27 फरवरी, 1931 को चंद्रशेखर आजाद ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए इसी
पार्क में शहादत प्राप्त की थी। उनकी शहादत के बाद इस पार्क का नाम बदलकर
चंद्रशेखर आजाद पार्क कर दिया गया।
कुंभ मेला: अगर आपका मौका हो तो कुंभ मेले के दौरान प्रयागराज (इलाहाबाद) की यात्रा करें। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है।
प्रयागराज एक ऐसा
शहर है जहां आपको इतिहास,
संस्कृति
और धर्म का संगम देखने को मिलेगा।
प्रयागराज में आपके बजट
के लिए कई बजट-फ्रेंडली होटल हैं। यहां कुछ विकल्प
होटल |
रेटिंग |
प्रति रात्रि |
कोंटेक्ट नं. |
3.4 |
₹2,473 |
0124 620 1516 |
|
Bless Inn
Hotel - Hotel | Top Hotel in High Court Allahabad |
3.6 |
₹2,800 |
075719 09286 |
3.1 |
₹2,860 |
0124 620 1516 |
|
Divine INN
hotel and guest house |
4.0 |
₹2,999 |
094151 32633 |
होटल अतिथि निवास |
3.6 |
₹3,093 |
0124 620 1516 |
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