कोयम्बतूर तमिलनाडु का एक प्रमुख औद्योगिक शहर है, लेकिन यह प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक स्वर्ग है। यहां आपको हरे-भरे पहाड़, झरने, मंदिर और आधुनिक शहर का मिश्रण देखने को मिलेगा।
आदियोगी शिव प्रतिमा:
दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमाओं में
से एक, आदियोगी शिव प्रतिमा
कोयम्बतूर का सबसे आकर्षक स्थल है। यह प्रतिमा वेल्लिंगिरी पर्वत की तलहटी में
स्थित है और योग के संस्थापक आदि शंकराचार्य को समर्पित है।
कोयम्बतूर में स्थित आदियोगी शिव प्रतिमा दुनिया की सबसे
ऊंची चेहरे वाली मूर्तियों में से एक है। यह प्रतिमा योग के संस्थापक आदि
शंकराचार्य को समर्पित है और यह योग के प्रति लोगों में प्रेरणा जगाने के लिए बनाई
गई है।
ऊंचाई: 112 फीट (34 मीटर), डिजाइन: सद्गुरु जग्गी वासुदेव
द्वारा डिजाइन, मूर्ति में प्रयोग सामग्री: स्टील, निर्माण
समय: 2 साल 8 महीने, उद्घाटन: 24 फरवरी 2017
यह प्रतिमा योग के महत्व को दर्शाती है और लोगों को
योग के प्रति प्रेरित करती है। यह प्रतिमा ईशा योग केंद्र का मुख्य आकर्षण है और
यहां लोग ध्यान और योग करने आते हैं। प्रतिमा का चेहरा बेहद विशाल
है और यह शांति और ज्ञान का प्रतीक है।
मरुधमलाई हिल मंदिर:
यह मंदिर भगवान मुरुगन को समर्पित है और द्रविड़ शैली की
वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको कई सीढ़ियां
चढ़नी होंगी, लेकिन ऊपर से मिलने वाला
नज़ारा आपके सारे थकान को दूर कर देगा।
कोयम्बतूर का मरुधमलाई हिल मंदिर दक्षिण भारत के प्रमुख
धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान मुरुगन को समर्पित है और इसकी
स्थापना चोल राजवंश के समय हुई थी। मंदिर की खूबसूरत वास्तुकला और शांत वातावरण
इसे एक पवित्र तीर्थस्थल बनाते हैं।
मरुधमलाई हिल मंदिर का इतिहास काफी पुराना
है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण चोल राजाओं ने करवाया था। मंदिर को कई
बार पुनर्निर्मित किया गया है और आज यह द्रविड़ शैली की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट
उदाहरण है।
मंदिर मरुधमलाई पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर तक
पहुंचने के लिए आपको कई सीढ़ियां चढ़नी होंगी। मंदिर के आसपास कई तरह के औषधीय
पौधे उगाए जाते हैं। मंदिर सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है। आप यहां भगवान मुरुगन
की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
वैदेही फॉल्स:
यह झरना कोयम्बतूर के पास स्थित एक प्राकृतिक आश्चर्य है।
हरे-भरे जंगलों के बीच बहता यह झरना प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है।
वैदेही फॉल्स कोयम्बतूर के पास स्थित
एक बेहद खूबसूरत झरना है। यह झरना अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है और
प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। कोयम्बतूर से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित, वैदेही फॉल्स कोयम्बतूर
शहर से थोड़ी दूर एक शांत जगह पर स्थित है। घने जंगलों के बीच बहता यह झरना अपनी
प्राकृतिक सुंदरता से मोह लेता है। झरने तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ी सी ट्रेकिंग
करनी होगी, जो आपके यात्रा को और
रोमांचक बनाती है।
कोवई कोंडट्टम:
यह एक थीम पार्क है, जहां आप पानी की सवारी, रोलर कोस्टर और अन्य
रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। यह परिवारों के लिए एक लोकप्रिय पिकनिक
स्पॉट है।
यह पार्क 50 एकड़ से अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पानी की
सवारी, रोलर कोस्टर, बच्चों के लिए खेल का
मैदान, और बहुत कुछ है। पार्क
में खाने-पीने की जगहें, लॉकर, और अन्य सुविधाएं उपलब्ध
हैं। पार्क में समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और त्योहार आयोजित किए जाते हैं। अगर
आप थ्रिल चाहते हैं, तो आप यहां रोलर कोस्टर
की सवारी कर सकते हैं।
कोवई कोंडट्टम थीम पार्क के लिए
टिकट की कीमत वयस्कों के लिए 600 रुपये और बच्चों (10 साल से कम) के लिए
500
रुपये है। टिकट में
पार्क के सभी राइड्स और इवेंट्स तक पहुंच शामिल है, सिवाय रॉक क्लाइम्बिंग और वीडियो गेम, जिनके लिए अलग से शुल्क लिया जाता है।
पार्क आमतौर पर सुबह 10:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है। हालांकि, यह समय मौसम और अन्य
कारकों के आधार पर बदल सकता है। इसलिए, यात्रा करने से पहले पार्क से संपर्क करना सबसे अच्छा है।
सिरुवानी झरना:
यह झरना कोयम्बतूर से कुछ दूर स्थित है और अपनी
प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। आप यहां ट्रेकिंग और कैंपिंग का भी आनंद
ले सकते हैं।
कोयम्बतूर का सिरुवानी झरना दक्षिण भारत के सबसे खूबसूरत
झरनों में से एक है। यह झरना अपनी प्राकृतिक सुंदरता और स्वच्छ पानी के लिए जाना
जाता है। सिरुवानी नदी से निकलने वाला यह झरना कोयम्बतूर शहर के लिए पेयजल का एक
प्रमुख स्रोत भी है।
सिरुवानी नदी को दुनिया की दूसरी सबसे मीठी नदी माना जाता
है। झरने के पास ही सिरुवानी बांध स्थित है। आप यहां बांध के खूबसूरत दृश्य का
आनंद ले सकते हैं। झरने के आसपास घने जंगल हैं जहां आप ट्रेकिंग और वन्य जीवन का
आनंद ले सकते हैं।
पेरूर पाटेश्वर मंदिर |Perur Pateeswarar Temple, Coimbatore:
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसकी
स्थापना चोल राजवंश के समय हुई थी। मंदिर की वास्तुकला देखने लायक है।
इस मंदिर का निर्माण करिकाल चोल द्वारा दूसरी शताब्दी ईस्वी
में करवाया गया था। मंदिर को नोय्याल नदी के तट पर बनाया गया है और यह
अरुणगिरिनाथर और कचियप्पा मुनिवर जैसे कवियों द्वारा संरक्षित था।
मंदिर की वास्तुकला द्रविड़ शैली की है। मंदिर के गोपुरम, मंडप और गर्भगृह बेहद
खूबसूरत हैं। मंदिर में कनक सभा नामक एक हॉल है जिसमें नटराज की एक सुनहरी मूर्ति
है। मंदिर में शिव के विभिन्न रूपों की जटिल नक्काशी के साथ उत्कृष्ट स्तंभ हैं। आप
कनक सभा में जाकर नटराज की सुनहरी मूर्ति देख सकते हैं।
कोयम्बतूर में आपको दक्षिण भारतीय खाने के कई विकल्प
मिलेंगे। यहां आप इडली, डोसा, सांभर और वड़ा जैसे
लोकप्रिय व्यंजन का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, आप यहां कई तरह के स्थानीय व्यंजन भी आजमा सकते
हैं।
कोयम्बतूर में रुकने के लिए कई बजट फ्रेंडली होटल हैं। यहां
कुछ विकल्प
होटल्स |
रेटिंग |
किंमत प्रति रात्रि |
फ़ोन नं. |
OYO SilverKey 2d Residency |
2.7 |
₹597 |
0124 620 1165 |
3.2 |
₹695 |
0422 255 5555 |
|
SPOT ON Thangam Lodge |
3.1 |
₹724 |
0124 620 1165 |
Hotel Aishwarya Rest |
3.2 |
₹744 |
097871 44144 |
3.0 |
₹770 |
0124 620 1165 |
आप अपनी पसंद के अनुसार कोई भी होटल चुन सकते हैं। कृपया
ध्यान दें कि होटल की उपलब्धता और कीमतें समय के साथ बदल सकती हैं।
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