जैसलमेर: सुनहरे रेगिस्तान का मोती
जैसलमेर, राजस्थान का
एक खूबसूरत शहर है जिसे 'सुनहरा शहर' के नाम से जाना जाता है। इसका पीला बलुआ पत्थर से बना वास्तुकला इसे एक
अद्वितीय पहचान देता है। रेगिस्तान के बीच बसा यह शहर अपनी समृद्ध संस्कृति, शानदार किलों और हवेलियों के लिए प्रसिद्ध है।
जैसलमेर में घूमने के लिए प्रमुख स्थान| Tourist places in Jaisalmer in hindi👇
👑जैसलमेर का किला सुनहरे
रेगिस्तान का ताज👑:
यह किला
जैसलमेर का सबसे प्रमुख आकर्षण है। इसे 'सोनार किला' भी कहा जाता है। यह किला त्रिकुटा पहाड़ी पर बना हुआ है और
शहर के शानदार दृश्य प्रदान करता है। किले के अंदर कई मंदिर, हवेलियां और संग्रहालय हैं।
जैसलमेर का किला, जिसे
सोनार किला के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे
बड़े जीवित किलों में से एक है। यह थार रेगिस्तान के बीच स्थित है और अपनी पीले
बलुआ पत्थर की दीवारों के कारण सूर्य की रोशनी में सोने जैसा चमकता है।
किले का
इतिहास
इस किले का निर्माण 12वीं शताब्दी में रावल जैसल ने करवाया था। इस किले ने कई युद्ध देखे हैं और
सदियों से मारवाड़ के शासकों का गढ़ रहा है। आज यह एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
है और दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है।
किले की
खासियतें
किला पीले
बलुआ पत्थर से बना है,
जो इसे एक अद्वितीय रूप देता है।
किले के अंदर
आज भी लोग रहते हैं। यहां आपको हवेलियां, मंदिर,
दुकानें और रेस्तरां मिलेंगे।
किले के अंदर
आपको राजस्थानी शिल्पकारी के कई उदाहरण मिलेंगे।
किले की
दीवारों और हवेलियों पर जटिल नक्काशी देखने को मिलती है।
किले के अंदर
का वातावरण बहुत ही शांत और शांतिपूर्ण है।
यह हवेली अपनी
नक्काशीदार छतों और जाली के काम के लिए जानी जाती है।
यह एक
छोटा सा मंदिर है जो किले के अंदर स्थित है।
गड़ीसर झील: यह झील किले के पास स्थित है और यहां आप बोटिंग का आनंद ले
सकते हैं।
किले की
दीवारें:
किले की दीवारों से आप शहर का शानदार दृश्य देख सकते हैं।
संग्रहालय: किले के अंदर एक संग्रहालय भी है जहां आप राजस्थानी संस्कृति और इतिहास के
बारे में जान सकते हैं।
गड़ीसर झील जैसलमेर की प्राचीन
धरोहर:
यह झील जैसलमेर के मध्य में स्थित है। इस झील के
किनारे कई मंदिर और हवेलियां हैं। आप यहां बोटिंग का आनंद ले सकते हैं और झील के
शांत वातावरण का लुत्फ उठा सकते हैं।
गड़ीसर
झील जैसलमेर शहर का दिल मानी जाती है। यह एक कृत्रिम झील है
जिसका निर्माण 12वीं शताब्दी में जैसलमेर के संस्थापक रावल जैसल ने करवाया था। इस झील का नाम
राजा गड़सी सिंह के नाम पर पड़ा, जिन्होंने इसका पुनर्निर्माण करवाया था। गड़ीसर झील सिर्फ
एक जल स्रोत ही नहीं, बल्कि जैसलमेर की संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण
हिस्सा भी है। झील के चारों ओर कई मंदिर हैं, जैसे कि तिलोक चंद महादेव मंदिर और गंगा माता मंदिर। झील के
किनारे कई सुंदर घाट हैं, जहां से आप झील का नज़ारा ले सकते हैं। झील के आसपास कई
शानदार हवेलियां हैं, जैसे कि पटवों की हवेली।
पटवों की
हवेली: यह हवेली जैसलमेर की सबसे प्रसिद्ध हवेलियों में से एक है।
यह अपनी नक्काशीदार छतों और जाली के काम के लिए जानी जाती है।
साम
सामंद झील: यह झील जैसलमेर से कुछ दूरी पर स्थित है। यह झील अपने शांत
वातावरण और खूबसूरत दृश्यों के लिए जानी जाती है।
खुरी
रेगिस्तान: जैसलमेर से कुछ दूरी पर खुरी रेगिस्तान स्थित है। यहां आप
ऊंट सफारी का आनंद ले सकते हैं और रेगिस्तान के खूबसूरत दृश्यों का लुत्फ उठा सकते
हैं।
कुलधरा गाँव एक रहस्यमयी
इतिहास:
यह एक सुनसान
गांव है जो जैसलमेर से कुछ दूरी पर स्थित है। यह गांव अपनी रहस्यमयी कहानी के लिए
जाना जाता है।
कुलधरा
राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक गाँव है,
जो अपनी रहस्यमयी कहानी के लिए प्रसिद्ध है। यह गाँव कभी एक
समृद्ध और खुशहाल बस्ती हुआ करता था, लेकिन एक रात अचानक सभी निवासी गायब हो गए,
जिसके बाद यह गाँव पूरी तरह से वीरान हो गया। आज भी इस गाँव
के रहस्य से पर्दा नहीं उठा है और यह एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। कहा जाता है
कि कुलधरा गाँव की स्थापना पालीवाल ब्राह्मणों ने 13वीं शताब्दी में की थी। यह गाँव अपने शिल्पकारों और व्यापारियों
के लिए जाना जाता था। लेकिन 19वीं शताब्दी में, जैसलमेर के एक शासक ने गाँव वालों को परेशान करना शुरू कर
दिया। उनके अत्याचारों से तंग आकर, गाँव वालों ने एक रात गुप्त रूप से गाँव छोड़ दिया और एक
शाप दिया कि कोई भी इस गाँव में कभी नहीं बस पाएगा।
कुलधरा को
छोड़ने का वास्तविक कारण आज भी एक रहस्य बना हुआ है। कुछ लोग मानते हैं कि गाँव
वाले पानी की कमी के कारण गए थे, जबकि अन्य लोग मानते हैं कि वे शासक के अत्याचारों से बचने
के लिए गए थे। लेकिन सबसे लोकप्रिय कहानी यह है कि उन्होंने गाँव छोड़ते समय एक
शाप दिया था, जिसके कारण कोई भी इस गाँव में स्थायी रूप से नहीं रह पाया।
आज कुलधरा एक
सुनसान गाँव है। खंडहरों से भरे इस गाँव में घूमना एक अजीब सा अनुभव होता है। गाँव
की खामोशी और सुनसानता एक डरावना माहौल पैदा करती है।
तखत सिंह
का महल: यह महल जैसलमेर के सबसे खूबसूरत महलों में से एक है। यह महल
अपनी नक्काशीदार छतों और जाली के काम के लिए जाना जाता है।
जैसलमेर के
मेहरानगढ़ किले में स्थित तख्त सिंह का महल, राजस्थानी वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। इस महल का
निर्माण 19वीं सदी में महाराजा तख्त सिंह ने करवाया था।
महल की दीवारों,
छतों और फर्श पर बेहद खूबसूरत नक्काशी की गई है। महल के
अंदर की दीवारों पर राजस्थानी शैली की भव्य चित्रकारी देखने को मिलती है। महल में
राजा महाराजाओं के शयनकक्ष हैं जो अपनी शानदार सजावट के लिए जाने जाते हैं। दरबार
हॉल में राजा महाराजा अपने दरबार लगाते थे। महल में एक छोटा सा म्यूजियम भी है
जहां आप राजस्थानी संस्कृति और इतिहास के बारे में जान सकते हैं। महल के आसपास कई
खूबसूरत बगीचे हैं जहां आप टहल सकते हैं।
महल का समय: महल सुबह 9
बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क ₹:
महल में प्रवेश के लिए आपको टिकट खरीदनी होगी।
आप अपनी पसंद
और बजट के अनुसार कोई भी होटल चुन सकते हैं।
होटेल |
रेटिंग |
एक रात्रि किंमत समय अनुसार फेरफार हो सकते हैं। |
कोंटेक्ट नं. |
रूमिस गेस्ट हाउस |
4.5 |
₹180 |
077424 55158 |
एक्स्प्लोर हॉस्टल लाइफ जैसलमेर |
4.9 |
₹192 |
095719 73745 |
हैप्पी ट्रेल्स जैसलमेर |
5.0 |
₹236 |
8905784845 |
हॉस्टल डेसर्ट होम स्टे |
4.3 |
₹282 |
097729 91886 |
Hostel
Little Prince Home Stay Jaisalmer |
4.8 |
₹291 |
078773 70091 |
जैसलमेर घूमने का
खर्चा कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे कि आप
यात्रा कब कर रहे हैं, कितने दिनों के लिए रहेंगे, किस तरह का आवास चुनते हैं,
और आप किन
गतिविधियों में शामिल होते हैं।
औसतन, एक व्यक्ति के लिए जैसलमेर की 3-4 दिन की यात्रा में लगभग 10,000 से 15,000
रुपये का खर्च आ
सकता है। इसमें यात्रा, आवास, भोजन, और स्थानीय यातायात शामिल है।
यह जानकारी केवल एक अनुमानित खर्च है और वास्तविक खर्च आपकी यात्रा की शैली और पसंद पर निर्भर करेगा।
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