अजमेर, राजस्थान का एक खूबसूरत शहर है, जो अपनी धार्मिक विविधता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। अजमेर की स्थापना 11वीं शताब्दी में चौहान राजा अजयपाल ने की थी। इस शहर का नाम 'अजय मेरु' से निकला है। मुगल काल में अजमेर का काफी विकास हुआ और यह मुगल शासकों का पसंदीदा शहर बन गया। यहां कई ऐसे स्थान हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
आइए जानते हैं अजमेर में घूमने लायक कुछ प्रमुख स्थानों के बारे में:
अजमेर शरीफ दरगाह:
यह सूफी संत
ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है। यह भारत और दुनिया भर के मुसलमानों के लिए
एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यहां हर साल लाखों लोग मन्नत मांगने आते हैं।
ख्वाजा
मोइनुद्दीन चिश्ती 12वीं शताब्दी में भारत आए थे और उन्होंने अजमेर को अपना
आध्यात्मिक केंद्र बनाया था। उनकी मृत्यु के बाद यहां उनकी समाधि बनाई गई थी। समय
के साथ यह स्थान एक प्रमुख तीर्थस्थल बन गया। मुगल बादशाहों ने इस दरगाह का बहुत
विकास करवाया था।
दरगाह का
मुख्य आकर्षण ख्वाजा साहब का मज़ार है। यहां भक्त दुआ मांगने और
चादर चढ़ाने आते हैं। दरगाह के कई दरवाज़े बेहद खूबसूरत नक्काशी से सजे हुए हैं। दरगाह
परिसर में एक बड़ी मस्जिद भी है जहां नमाज़ अदा की जाती है। दरगाह में एक
संग्रहालय भी है जहां ख्वाजा साहब से जुड़ी कई चीजें रखी हुई हैं।
दरगाह में
फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है।
अना सागर झील:
अजमेर की हृदयस्थली,
अना सागर झील एक कृत्रिम झील है जिसका निर्माण 12वीं शताब्दी में चौहान राजा अर्णोराज (अनाजी) ने करवाया था।
यह झील न केवल शहर की सुंदरता बढ़ाती है बल्कि इसका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी
है।
झील का
निर्माण वर्षा के पानी को संग्रहित करने और अजमेर शहर की जल आवश्यकताओं को पूरा
करने के उद्देश्य से किया गया था। झील का नाम राजा अनाजी के नाम पर
ही रखा गया था। यह झील कई शताब्दियों से अजमेर शहर के लोगों के लिए जीवन का स्रोत
रही है।
1637 ईस्वी में शाहजहाँ ने झील के किनारे लगभग 1240 फीट लम्बा कटहरा लगवाया और पाल पर संगमरमर की पाँच
बारादरियों का निर्माण करवाया। झील के प्रांगण में स्थित दौलत बाग का निर्माण
जहाँगीर द्वारा करवाया गया जिसे सुभाष उद्यान के नाम से भी जाना जाता है। झील में
कई तरह के पक्षी देखने को मिलते हैं, जिनमें राजहंस और बत्तखें प्रमुख हैं।
अढ़ाई दिन का झोंपड़ा:
यह एक
ऐतिहासिक इमारत है, जिसे 12वीं शताब्दी में बनाया गया था। पहले यह एक मस्जिद थी,
लेकिन बाद में इसे एक मदरसे में बदल दिया गया। इसकी
वास्तुकला बहुत ही खूबसूरत है।
इसकी उत्पत्ति
के बारे में कई किंवदंतियां प्रचलित हैं। कुछ का मानना है कि इसका निर्माण ढाई दिन
में हुआ था, इसलिए इसका नाम। हालांकि, ऐतिहासिक तथ्य बताते हैं कि इसका निर्माण राजा विग्रहराज
चतुर्थ द्वारा एक संस्कृत विद्यालय के रूप में करवाया गया था। बाद में, मोहम्मद गोरी के आदेश पर कुतुब-उद-दीन ऐबक ने इसे मस्जिद
में परिवर्तित कर दिया।
इसकी
वास्तुकला में हिंदू और इस्लामी शैली का मिश्रण देखने को मिलता है। इसके खंभों पर
बारीक नक्काशी और शिलालेख हैं जो इसकी प्राचीनता को दर्शाते हैं। मस्जिद के 16
खंभे भारतीय शैली में अलंकृत हैं। खंभों के ऊपर छत का
निर्माण किया गया है। मस्जिद के प्रत्येक कोने में चक्राकार और बासुरी के आकार की
मीनारे हैं। मस्जिद के अंदर और बाहर कई शिलालेख हैं जो इसके इतिहास के बारे में
जानकारी देते हैं।
तारागढ़ किला:
यह किला अजमेर
शहर को ऊपर से देखने के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहां से आप पूरे शहर का नज़ारा ले
सकते हैं।
इस किले का
निर्माण 8वीं शताब्दी में चौहान राजा अजयराज ने करवाया था। इसे मूल
रूप से अजयमेरु दुर्ग कहा जाता था। यह किला कई शताब्दियों तक विभिन्न राजाओं के
अधीन रहा और कई युद्धों का साक्षी रहा है।
यह किला एक
रणनीतिक स्थिति पर बना है जिसके कारण इसे दुर्गम बनाया गया था। किले की वास्तुकला
राजस्थानी शैली की है और इसमें कई महल, मंदिर और हवेलियाँ हैं।
नरेली जैन मंदिर:
यह जैन
धर्म का एक महत्वपूर्ण मंदिर है। मंदिर की वास्तुकला बहुत ही खूबसूरत है और यहां
की मूर्तियां भी देखने लायक हैं।
सबाश गार्डन:
यह एक सुंदर बगीचा है, जहां आप टहल सकते हैं और प्रकृति का आनंद ले सकते हैं।
अजमेर का सबाश
गार्डन शहर के बीचों-बीच स्थित एक सुंदर और शांत बगीचा है। यह बगीचा शहर के लोगों
के लिए एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है।
महाराणा प्रताप मेमोरियल:
यह महाराणा प्रताप को समर्पित एक स्मारक है। यहां आप महाराणा
प्रताप के जीवन और उनके कार्यों के बारे में जान सकते हैं।
अजयपाल मंदिर:
यह एक प्राचीन मंदिर है,
जो भगवान विष्णु को समर्पित है।
अकबर का महल:
यह महल मुगल बादशाह अकबर द्वारा बनवाया गया था।
16वीं शताब्दी में मुगल सम्राट अकबर ने अजमेर की यात्राओं के दौरान इस
महल का निर्माण करवाया था। यह महल अकबर के लिए एक विश्राम स्थल और अजमेर शरीफ की
यात्रा के दौरान ठहरने की जगह के रूप में बनाया गया था। इस महल का निर्माण लगभग 1570 ईस्वी
में पूरा हुआ था।
अकबर के महल की वास्तुकला मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसमें लाल
बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है और इसकी दीवारें मजबूत हैं। महल के अंदर कई कमरे, हॉल और
आंगन हैं।
महल के अंदर एक संग्रहालय भी है जिसमें प्राचीन मूर्तियां, सिक्के, पेंटिंग्स, कवच
आदि रखे हुए हैं। संग्रहालय में उस समय के हथियार भी देखने को मिलते हैं। महल की
दीवारें मजबूत और मोटी हैं। महल के आसपास एक बगीचा भी है जहां आप टहल सकते हैं।
डियर पार्क :
अजमेर में स्थित डियर पार्क, यानी हिरणों का पार्क,
हिरणों के लिए एक सुरक्षित आवास होने के साथ-साथ पर्यटकों
के लिए भी एक आकर्षक स्थल है। यह पार्क शहर के बीचों-बीच स्थित है और यहां आप
विभिन्न प्रजाति के हिरणों को करीब से देख सकते हैं।
बच्चों के लिए यह पार्क एक शैक्षिक अनुभव भी होता है। वे
यहां विभिन्न जानवरों के बारे में जान सकते हैं।
बिरला सिटी वाटर पार्क:
अजमेर का
बिरला सिटी वाटर पार्क गर्मी के मौसम में लोगों के लिए एक बेहतरीन पर्यटन स्थल है।
यह वाटर पार्क न केवल अजमेर शहर का बल्कि पूरे राजस्थान का सबसे बड़ा वाटर पार्क
है। यहां आपको पानी से जुड़े कई तरह के रोमांचक खेल और गतिविधियां मिलेंगी।
यहां विभिन्न
आकार और ऊंचाई की कई वाटर स्लाइड्स हैं जो आपको रोमांच का अनुभव कराएंगी।
यहां विभिन्न
आकार और गहराई के कई स्विमिंग पूल हैं। आप इनमें तैराकी का आनंद ले सकते हैं।
यहां एक रेन
डांस फ्लोर भी है जहां आप बारिश की बूंदों का आनंद ले सकते हैं।
यहां एक वेव
पूल भी है जहां आप समुद्र की लहरों का अनुभव कर सकते हैं।
बच्चों के लिए
यहां एक अलग से खेलने का क्षेत्र है जहां वे सुरक्षित रूप से खेल सकते हैं।
यहां एक फूड
कोर्ट भी है जहां आप विभिन्न प्रकार के खाने का आनंद ले सकते हैं।
यह वाटर पार्क
काफी बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
अजमेर के बिरला सिटी वाटर पार्क का समय सुबह 11:30 बजे से शाम 05:00 बजे तक है। यह सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है।
अजमेर के बिरला सिटी वाटर पार्क में प्रवेश के लिए 4 फीट से अधिक ऊंचाई वाले लोगों के लिए प्रवेश शुल्क INR 450 है और 4 फीट से कम ऊंचाई वाले लोगों के लिए INR 300 है।
अजमेर घूमने का बजट काफी हद तक आपके यात्रा के तरीके, रहने की जगह, खाने-पीने की आदतों और घूमने के स्थानों पर निर्भर करता है। हालांकि, मैं आपको एक सामान्य अनुमान दे सकता हूँ जिससे आपको अपनी यात्रा की योजना बनाने में मदद मिलेगी।
औसतन, एक व्यक्ति अजमेर में 2-3 दिनों के लिए 5000 से 7000 रुपये के बजट में आसानी से घूम सकता है।
होटल्स |
रेटिंग |
प्रति रात्रि शुल्क |
कोंटेक्ट नं. |
होटल यश पैराडाइस |
4.2 |
₹456 |
092145 58280 |
पैरामाउंट होटल |
3.4 |
₹505 |
080943 55016 |
एम.जी होटल एंड रेस्टॉरंट |
4.7 |
₹582 |
070141 90233 |
होटल दबी पैलेस |
3.4 |
₹605 |
0145 242 5091 |
Hotel
Raaj Darbar |
4.7 |
₹611 |
|
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