बूंदी, राजस्थान की एक खूबसूरत और ऐतिहासिक नगरी है। इसे 'हाड़ौती की रानी' के नाम से भी जाना जाता है। बूंदी अपनी शानदार वास्तुकला, भव्य महलों, किलों और बावड़ियों के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के लिए भी जाना जाता है।
बूंदी में घूमने के लिए कई जगहें हैं।
तारागढ़ किला🏯: यह किला बूंदी शहर के ऊपर स्थित है और यहां से शहर का मनोरम
दृश्य दिखाई देता है। इस किले में कई महल, मंदिर और बावड़ियाँ हैं।
बूंदी का
तारागढ़ किला राजस्थान के सबसे शानदार किलों में से एक है। यह किला अपनी भव्य
वास्तुकला, समृद्ध इतिहास और मनोरम दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यह किला बूंदी शहर के ऊपर
स्थित है और अरावली पर्वतमाला की एक पहाड़ी पर बना हुआ है। तारागढ़ किले का
निर्माण 14वीं शताब्दी में बूंदी के संस्थापक राव देव हाड़ा ने करवाया
था। इस किले का निर्माण एक रणनीतिक स्थान पर किया गया था ताकि दुश्मनों से आसानी
से रक्षा की जा सके। समय के साथ इस किले में कई बार परिवर्तन और विस्तार किए गए।
सुख महल🌁: यह महल बूंदी के शासकों के लिए गर्मियों का निवास हुआ करता
था। इस महल में रूडयार्ड किपलिंग ने अपना उपन्यास 'किम' लिखा था।
सुख महल का
निर्माण 18वीं शताब्दी में बूंदी के राजा विष्णु सिंह ने करवाया था। इस महल का निर्माण
गर्मियों के मौसम में राजाओं के लिए एक शांत निवास के रूप में किया गया था। इसीलिए
इसका नाम सुख महल पड़ा। झील के किनारे स्थित होने के कारण यहां का वातावरण हमेशा
ठंडा रहता है। महल की दीवारों पर खूबसूरत चित्रकारी की गई है। इन चित्रों में
राजस्थानी जीवन और संस्कृति को दर्शाया गया है। प्रसिद्ध लेखक रूयार्ड किपलिंग ने
अपने कुछ उपन्यासों के लिए इस महल को प्रेरणा के रूप में लिया था। महल में एक कमरा
है जिसे किपलिंग का कमरा कहा जाता है। माना जाता है कि रूयार्ड किपलिंग ने इसी
कमरे में रहकर अपने कुछ उपन्यास लिखे थे।
महल में एक
छोटा सा म्यूजियम भी है। इस म्यूजियम में राजस्थानी कला और संस्कृति से जुड़ी कई
चीजें रखी हुई हैं।
रानी जी की बावड़ी: यह बावड़ी अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए जानी जाती है। यह
पांच मंजिला बावड़ी है और इसे एशिया की सबसे खूबसूरत बावड़ियों में से एक माना
जाता है। रानी
जी की बावड़ी राजस्थान के बूंदी शहर में स्थित एक अद्भुत वास्तुशिल्पीय
संरचना है। यह एक गहरी और विशाल बावड़ी (सीढ़ीनुमा कुआँ) है,
जिसे 17वीं शताब्दी में रानी नाथावती ने बनवाया था। यह बावड़ी अपनी
जटिल नक्काशी, शानदार वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। रानी जी की बावड़ी का
निर्माण 1699
में रानी नाथावती ने करवाया था जो बूंदी के शासक राव
राजा अनिरुद्ध सिंह की छोटी रानी थीं। इस बावड़ी को बनाने का मुख्य उद्देश्य सूखे
के समय शहरवासियों को पानी उपलब्ध कराना था। यह बावड़ी लगभग 46
मीटर गहरी है और इसके चारों ओर कई मंजिलें हैं। बावड़ी की
दीवारों पर बेहद खूबसूरत नक्काशी की गई है। इन नक्काशियों में देवी-देवताओं,
फूल-पत्तियों और जानवरों को उकेरा गया है। बावड़ी के प्रवेश द्वार पर दो विशाल हाथियों की
मूर्तियां बनी हुई हैं।
चित्रशाला🏫: यह महल बूंदी के राजाओं का निजी संग्रहालय था। यहां आप
राजस्थानी चित्रकला के बेहतरीन नमूने देख सकते हैं।
बूंदी की
चित्रशाला राजस्थानी चित्रकला का एक अद्भुत संग्रहालय है। यह
चित्रशाला बूंदी के महलों में स्थित है और यहां राजस्थानी चित्रकला की विभिन्न
शैलियों के चित्रों का एक विशाल संग्रह है। ये चित्र अपनी नाजुक बनावट,
रंगों के जीवंत इस्तेमाल और विषयों की विविधता के लिए जाने
जाते हैं।
बूंदी के
राजाओं ने कला और संस्कृति को हमेशा प्रोत्साहित किया है। बूंदी की चित्रशाला का
निर्माण 18वीं शताब्दी में राव उम्मेद सिंह के शासनकाल में हुआ
था। इस चित्रशाला में बूंदी के राजाओं और उनके परिवार के सदस्यों के चित्रों के
अलावा,
धार्मिक विषयों, राग-रागिनियों और दैनिक जीवन के दृश्यों को दर्शाने वाले
चित्र भी हैं।
केशरबाग:
यह बाग बूंदी के शाही परिवार की स्मारक छतरियों के लिए
प्रसिद्ध है।
हाथी
पोल: यह बूंदी शहर का मुख्य द्वार है और इसे दो हाथियों की
प्रतिमाओं के कारण हाथी पोल कहा जाता है।
किले
और महलों का भ्रमण: बूंदी में कई
किले और महल हैं जिनका आप भ्रमण कर सकते हैं।
बावड़ियों
का दर्शन:
बूंदी में कई खूबसूरत बावड़ियाँ हैं जिनका आप दर्शन कर सकते
हैं।
चित्रकला का आनंद लें:
चित्रशाला में आप राजस्थानी चित्रकला के बेहतरीन नमूने देख
सकते हैं।
बूंदी पहुंचने
के लिए आप कोटा हवाई अड्डा या कोटा रेलवे स्टेशन का उपयोग कर सकते हैं। कोटा से
बूंदी की दूरी लगभग 36 किलोमीटर है।
बूंदी घूमने का खर्च
बूंदी घूमने
का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि यात्रा की अवधि, यात्रा का तरीका, रहने की जगह, खाने का बजट, और की जाने वाली गतिविधियां। हालांकि,
एक अनुमानित बजट बनाकर आप अपनी यात्रा की योजना बना सकते
हैं।
एक सामान्य
अनुमान के अनुसार, एक व्यक्ति के लिए बूंदी की 3-4 दिन की यात्रा में लगभग 5,000 से 15,000 रुपये तक का खर्च आ सकता है।
राज
महल गेस्ट हाउस
- यह गेस्ट हाउस बूंदी के केंद्र में स्थित है ,और इसकी
रेटिंग 3.6
है। रात की दर ₹445
है। कोंटेक्ट नं. 089470 04590
भव्यम् होमस्टे & कैफ़े बैकपैकर्स - यह होमस्टे बूंदी के केंद्र में स्थित है और इसकी रेटिंग 4.3 है। रात की दर ₹448
है।
हवेली एलिफेंट स्टेबल - यह होटल बूंदी के केंद्र में स्थित है और इसकी रेटिंग 4.9 है। रात की दर ₹504
है।
हाउस ऑफ़
दुगारी
-
यह होटल बूंदी के केंद्र में स्थित है और इसकी रेटिंग 4.4 है। रात की दर ₹553
है।
हवेली उमा मेघ टूरिस्ट गेस्ट हाउस
- यह गेस्ट हाउस बूंदी के
केंद्र में स्थित है और इसकी रेटिंग 3.9 है। रात की दर ₹616 है। कांटेक्ट नं. 0747 244 2191
बूंदी में होटल की बुकिंग करते समय, सुनिश्चित करें कि आपका होटल शहर के केंद्र में स्थित है।
इससे आपको शहर के सभी आकर्षणों तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी।
होटल की बुकिंग करते समय, होटल की सुविधाओं की जांच करें। कुछ होटलों में वाईफाई, स्विमिंग पूल और रेस्तरां जैसी सुविधाएं होती हैं।
होटल की
बुकिंग करते समय, होटल की समीक्षा पढ़ें। इससे आपको अन्य लोगों के अनुभवों के
बारे में पता चल सकेगा।
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