जोधपुर में सबसे अच्छी घूमने की जगह|Best Places to Visit in Jodhpur, India

जोधपुर, यानी सूर्य नगरी, राजस्थान की एक ऐसी रानी है जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। यहां ऐतिहासिक इमारतें, रंग-बिरंगे बाजार और शानदार किले हैं जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

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जोधपुर में घूमने के लिए बेहतरीन जगहें|jodhpur mein ghumne ki jagah

मेहरानगढ़ दुर्ग: यह किला जोधपुर का सबसे प्रमुख आकर्षण है। यह पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और शहर के शानदार दृश्य प्रदान करता है।

मेहरानगढ़ दुर्ग जोधपुर का सबसे प्रमुख आकर्षण है और भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। यह किला 410 फीट ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और शहर के शानदार दृश्य प्रदान करता है।

इतिहास:

  • स्थापना: 1459 में राव जोधा द्वारा जोधपुर में बनवाया गया था।
  • रणनीतिक महत्व: यह किला शहर की रक्षा के लिए बनाया गया था और कई युद्धों का साक्षी रहा है।
  • शासकों का निवास: कई शताब्दियों तक यह किला मारवाड़ के शासकों का निवास रहा।
  • संग्रहालय: किले में एक समृद्ध संग्रहालय है जिसमें हथियार, वेशभूषा, और अन्य ऐतिहासिक वस्तुएं हैं।
  • वास्तुशिल्प: किले की वास्तुकला अद्भुत है। इसमें जटिल नक्काशीदार बलुआ पत्थर के पैनल, भव्य आंतरिक भाग और जालीदार खिड़कियां हैं।
  • दीवारें: किले की दीवारें 10 किलोमीटर तक फैली हुई हैं और इनकी ऊंचाई 20 से 120 फीट तक है।
  • दरवाजे: किले में 7 दरवाजे हैं, जिन्हें पोल कहा जाता है।
  • शिला देवियां: किले के अंदर कई शिला देवियां हैं जो स्थानीय लोगों द्वारा पूजी जाती हैं।

किले के अंदर फोटोग्राफी के लिए शुल्क देना होता है।

किले में घूमने के लिए आरामदायक जूते पहनें।

गर्मी के मौसम में पानी की बोतल साथ रखें।

 


 

जसवंत थड़ा: यह एक सफेद संगमरमर का स्मारक है जो महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय को समर्पित है।

जोधपुर का जसवंत थड़ा एक ऐसा स्मारक है जो अपनी खूबसूरती और शांति के लिए जाना जाता है। इसे अक्सर "मारवाड़ का ताजमहल" भी कहा जाता है। यह सफेद संगमरमर से बना एक शानदार स्मारक है जो महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय को समर्पित है।

जसवंत थड़ा का निर्माण महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय के पुत्र, महाराजा सरदार सिंह ने 1906 में अपने पिता की याद में करवाया था। यह स्मारक महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय के अंतिम विश्राम स्थल के रूप में भी जाना जाता है।

जसवंत थड़ा की वास्तुकला बेहद खूबसूरत है। इसमें मुगल वास्तुकला का प्रभाव साफ दिखाई देता है। इसकी नक्काशीदार खिड़कियां, गुंबद और आंगन इसे एक शानदार रूप देते हैं।

 


उम्मेद भवन पैलेस: यह महल भारत के सबसे बड़े निजी निवासों में से एक है। आज यह एक लक्जरी होटल के रूप में संचालित होता है।

 जोधपुर का एक शानदार महल है और दुनिया के सबसे बड़े निजी निवासों में से एक है। यह महल अपनी भव्य वास्तुकला, शानदार कमरों और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है।

इस महल का निर्माण महाराजा उम्मेद सिंह ने 1929 में शुरू करवाया था और यह 1943 में बनकर पूरा हुआ था।

 

इस महल का निर्माण बड़ी मंदी के दौरान स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए किया गया था।

महल के एक हिस्से को 1971 में एक लक्जरी होटल में तब्दील कर दिया गया।

 


 

पुराना शहर: जोधपुर का पुराना शहर नीले रंग के घरों के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर की वास्तुकला का एक अनूठा उदाहरण है।

जोधपुर, यानी सूर्य नगरी, राजस्थान की एक ऐसी धरती है जो अपनी समृद्ध संस्कृति, शानदार किलों और खूबसूरत नीले रंग के घरों के लिए मशहूर है। इसका पुराना शहर तो मानो एक कहानी बयां करता हो, जो सदियों पुरानी रीति-रिवाजों और शाही ठाठ से भरा हुआ है।

मंडोर गार्डन: यह एक प्राचीन स्मारक है जो मारवाड़ के शासकों के अंतिम विश्राम स्थल के रूप में जाना जाता है।

जोधपुर का मंडोर गार्डन शहर के सबसे खूबसूरत और ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह शहर के केंद्र से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है और मारवाड़ की प्राचीन राजधानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मंडोर गार्डन में आपको प्राचीन मंदिर, मकबरे, और शानदार बगीचे मिलेंगे, जो इस जगह को एक अनोखा अनुभव देते हैं।

मंडोर का इतिहास बहुत पुराना है। माना जाता है कि यह शहर रावण का एक समय का निवास स्थान था और यहीं पर उन्होंने मंदोदरी से विवाह किया था। मंडोर को कई शताब्दियों तक मारवाड़ की राजधानी के रूप में जाना जाता था। बाद में जोधपुर शहर की स्थापना के साथ ही मंडोर का महत्व कम होने लगा।

अजीत पोल: यह एक विशाल द्वार है जो मंडोर गार्डन में प्रवेश करने का मुख्य मार्ग है।

देवताओं की साल: यहां पर कई देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं, जो मंडोर के धार्मिक महत्व को दर्शाती हैं।

 वीरों का दालान: यह एक लंबा गलियारा है जिसकी दीवारों पर राजपूत योद्धाओं के चित्र उकेरे हुए हैं।

मंडोर गार्डन में कई खूबसूरत बगीचे हैं

मंडोर गार्डन में एक लाइट एंड साउंड शो भी आयोजित किया जाता है, जिसमें मंडोर के इतिहास के बारे में बताया जाता है।

मंडोर गार्डन जोधपुर शहर से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

मंडोर गार्डन घूमने के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों का मौसम होता है।

जोधपुर की जानकारी फोटो के साथ


कायलाना झील: यह झील शहर के बीचों-बीच स्थित है और यहां आप नौका विहार का आनंद ले सकते हैं।

कायलाना झील एक कृत्रिम झील है जिसे 1872 में महाराजा प्रताप सिंह ने बनवाया था। इस झील को बनाने के लिए जोधपुर के दो पूर्व शासकों, भीम सिंह और तख्त सिंह द्वारा बनाए गए महल और बगीचों को ध्वस्त कर दिया गया था। इस झील को जोधपुर शहर की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया था।

कायलाना झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है। झील के चारों ओर हरियाली, पक्षियों की चहचहाहट और शांत वातावरण आपको एक शांतिपूर्ण अनुभव प्रदान करता है। झील में बोटिंग का आनंद लेना एक यादगार अनुभव होता है।

इनके अलावा भी जोधपुर में घूमने के लिए कई जगहें हैं जैसे:

मान मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहां से शहर का शानदार दृश्य दिखाई देता है।

घोडीद जी की कोठी: यह एक पक्षी अभयारण्य है जहां आप कई तरह के पक्षियों को देख सकते हैं।

सरदार मार्केट: यहां आपको राजस्थानी हस्तशिल्प और कपड़े आसानी से मिल जाएंगे।

जोधपुर एक ऐसा शहर है जहां आप इतिहास, संस्कृति और प्रकृति का आनंद ले सकते हैं।

 

जोधपुर में रुकने के लिए कई बजट-अनुकूल होटल हैं। आप अपनी पसंद और बजट के अनुसार इनमें से कोई भी होटल चुन सकते हैं।

यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं, इनमे कुछ समय के साथ बदलाव भी हो सकते है, आप अपनी व्यवस्था अनुसार इनसे पहले संपर्क करके जानकारी हासिल कर सकते है.

 

होटेल नाम

रेटिंग

प्रति रात्रि शुल्क

संपर्क नं.

रॉयल हेरिटेज गेस्ट हाउस

3.4

596

0124 620 1158

नेचर होराइजन, जोधपुर

4.6

599

086900 97066

गुलाब गेस्ट हाउस

3.3

618

092526 74034

हथाई हॉस्टल

4.8

625

091662 22525

ऐनी गेस्ट हाउस

4.9

671

080038 13815

 

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